मौसम बदल रहा है
बहुत तेज़ी से
गर्म कपड़े सहेज कर
रखे हैं या नहीं ?
कोई भरोसा नहीं इस बार
कि मौसम
कहां तक दिखाएगा अपने तेवर…
कोशिश करो कि स्वस्थ रह सको
इस बार
चेताना ज़रूरी है
क्यूंकि राजनीति से अछूता नहीं अब
जीवन का कोई भी पक्ष
यहां तक कि मौसम भी
और जीवनोपयोगी वस्तुओं के भाव भी
सरकार की नीयत का भी तो
कोई भरोसा नहीं
और न ही विपक्ष की
रणनीति का !
तैयारी के बिना
अब जीवन का भी
क्या भरोसा ?
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
.
बहुत तेज़ी से
गर्म कपड़े सहेज कर
रखे हैं या नहीं ?
कोई भरोसा नहीं इस बार
कि मौसम
कहां तक दिखाएगा अपने तेवर…
कोशिश करो कि स्वस्थ रह सको
इस बार
चेताना ज़रूरी है
क्यूंकि राजनीति से अछूता नहीं अब
जीवन का कोई भी पक्ष
यहां तक कि मौसम भी
और जीवनोपयोगी वस्तुओं के भाव भी
सरकार की नीयत का भी तो
कोई भरोसा नहीं
और न ही विपक्ष की
रणनीति का !
तैयारी के बिना
अब जीवन का भी
क्या भरोसा ?
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
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