1 . कोहरा
बारूद की आग से
सूख रहा है जन-समुद्र
हवाओं के सीने पर
जम रही है धूल
रातों को ठंडा तो होने दो
कोहरा बन कर छा जाएंगे लोग
बारूद से सने हाथों को
नहीं सूझेंगे हाथ !
( 1984 )
2. पड़ेगा तुषार
रक्त के उबाल को ठंडा करने के लिए
जब-जब
कम किया जाएगा रात का तापमान
मौसम के इरादों पर
पड़ेगा तुषार !
( 1985 )
- सुरेश स्वप्निल
*प्रकाशन: 'आकंठ', होशंगाबाद एवं अन्यत्र। पुनः प्रकाशन हेतु उपलब्ध।