लो, आ गया गांव में
नमो नारायण कबाड़ी !
ले आओ बाप-दादों की
ज़ंग खाई तलवारें
चाक़ू-छुरियां, भाले और त्रिशूल
अब शायद ज़रूरत न पड़े इनकी
वैसे भी इसी के गुर्गों की देन है
यह कबाड़....
सुना है कि जब
देश का शासक बन जाएगा
नमो नारायण
तब बीच समुद्र में
खड़ा करेगा
संसार का सबसे ऊंचा बिजूका
जिसके सर पर बीट करने
आमंत्रित किए जाएंगे
दुनिया भर के गिद्ध और कौए…
कहां चक्कर में पड़ गया बेचारा
सीधा-सच्चा नमो नारायण कबाड़ी
ऐसी अद्भुत कल्पना-शक्ति पा कर भी
समझाओ यार कोई !
कविताएं लिख
और चाय बेच, चाय !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
..
नमो नारायण कबाड़ी !
ले आओ बाप-दादों की
ज़ंग खाई तलवारें
चाक़ू-छुरियां, भाले और त्रिशूल
अब शायद ज़रूरत न पड़े इनकी
वैसे भी इसी के गुर्गों की देन है
यह कबाड़....
सुना है कि जब
देश का शासक बन जाएगा
नमो नारायण
तब बीच समुद्र में
खड़ा करेगा
संसार का सबसे ऊंचा बिजूका
जिसके सर पर बीट करने
आमंत्रित किए जाएंगे
दुनिया भर के गिद्ध और कौए…
कहां चक्कर में पड़ गया बेचारा
सीधा-सच्चा नमो नारायण कबाड़ी
ऐसी अद्भुत कल्पना-शक्ति पा कर भी
समझाओ यार कोई !
कविताएं लिख
और चाय बेच, चाय !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
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