गुरुवार, 10 अक्टूबर 2013

कच्चे सूत पर मलखंभ !

कभी  देखे  हैं  आपने
कच्चे  सूत  पर  गुलांट  लगाने  वाले
बूढ़े-अधबूढ़े  बन्दर
भारत  के  बाहर
वह  भी  दस-पंद्रह  वर्ष  तक……?!

हमने  देखा,  पढ़ा  और  सुना  भी  नहीं  था
21 वीं  सदी  से  पहले  !

हम  मगर  इतना  अवश्य  जानते  हैं
के  किसी  भी  बन्दर  की  आयु
15-20  वर्ष  से
अधिक  नहीं  होती
भले   ही  वह  सरदार  हो
या  असरदार !

तथापि, 
ये  तो अद्भुत  बन्दर  हैं  दोनों
कच्चे  सूत  पर  मलखंभ
दिखाने  वाले  !

कुछ  भिन्नताएँ  भी  हैं  दोनों  में
पहला  जन्म-जात  सरदार 
दूसरा  अभी  बनने  की  प्रक्रिया  में
दोनों  को   अमेरिका  प्रिय  है
अपनी  मातृ-भूमि  से
मगर  एक   अमेरिका  की  नाक  का  बाल
दूसरा  अमेरिकी  आँखों  की  किरकिरी
पहला  मौन  कभी  न  तोड़ने  वाला
दूसरा  समय-असमय  कभी  भी
बोल  पड़ने  वाला
एक  इतना  विनम्र
कि  अधमरा  लगे
दूसरा  इतना  ख़ूंख़्वार
कि  सोते  बच्चे  जाग  जाएं  डर  कर ....

दोनों  के  दोनों 
पूंजीपतियों  के  ख़रीदे  हुए  गुलाम  …।

बहरहाल,  हैं  दोनों  ही 
शत-प्रतिशत  बन्दर
अपने-अपने  मदारियों  के  इशारों  पर
नाचने  वाले  !

आपका,   हमारा  और
सारे   देश  का  दुर्भाग्य
कि  चुनना  हमें  है  …

तो,   किसे  चुनेंगे   इस  बार
पहले  या  दूसरे  को
या  किसी  और  जानवर  को
जो  बन्दर  न  हो  कम  से  कम
पूंजीपतियों  के  तलुए  चाटने  वाला  !

                                                   ( 2013 )

                                           -सुरेश  स्वप्निल  

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