सोमवार, 22 जुलाई 2013

यह कैसा संविधान ?

देश  में  अब
भेड़िया-तंत्र  चाहते  हैं
सियार !

वर्ण-संकर  कुत्तों  की  सरकार
बहुत  चल  चुकी
शेर  विलुप्त  हो  चुके
वन-प्रांतर  से
हाथी  शाकाहारी  हैं  अब  भी

विकट  समय  है  !
समस्या  यह
कि  सुरक्षा  कौन  करेगा
देश  की  ?

मुर्दाख़ोर  कबरबिज्जू
लाशें  खोद-खोद  कर
ख़ाली  कर  चुके
क़ब्रस्तान
और  अब
दृष्टि  लगाए  बैठे  हैं
जीवित  मनुष्यों  पर  !

विडम्बना  यह  कि
सारी  समृद्धि  लूट  कर
बैंक-खातों  में  जमा  कर  चुके
यही  मुर्दाख़ोर  कबरबिज्जू
वित्त  जुटा  रहे  हैं
भेड़िये  के  राज्यारोहण  के  लिए...

उफ़ !  यह  कैसा  संविधान  है
इस  देश  का
जहां  केवल  मनुष्यभक्षी  ही
पा  सकते  हैं  सत्ता !!!!! ?????

                                        ( 2013 )

                                  -सुरेश  स्वप्निल