सिर्फ़ किसान ही जानते हैं
पूस की रात का अर्थ !
सिर्फ़ किसान ही जानते हैं
कोहरे, पाले और बरसते मेह के बीच
प्राण लेने पर उतारू
हवाओं से बच कर
खेत में
पानी लगाने की कला
सिर्फ़ किसान ही जानते हैं
गेहूं की बालियों में
रस भरने का सुख
सिर्फ़ किसान ही जानते हैं
कैसा होता है
खरे सोने का रंग !
किसान नहीं
तो और किसे तय
करना चाहिए
अपनी उपज का मूल्य ?
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
...
पूस की रात का अर्थ !
सिर्फ़ किसान ही जानते हैं
कोहरे, पाले और बरसते मेह के बीच
प्राण लेने पर उतारू
हवाओं से बच कर
खेत में
पानी लगाने की कला
सिर्फ़ किसान ही जानते हैं
गेहूं की बालियों में
रस भरने का सुख
सिर्फ़ किसान ही जानते हैं
कैसा होता है
खरे सोने का रंग !
किसान नहीं
तो और किसे तय
करना चाहिए
अपनी उपज का मूल्य ?
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
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