'भारत एक सार्वभौम, लोकतांत्रिक,
धर्म-निरपेक्ष, समाजवादी देश है…!'
सुन रहे हो
पूंजीवाद के झंडाबरदारों ?
ओ नीली पगड़ी वालों, सुन रहे हो ?
'समाजवादी'… 'पूंजीवादी' नहीं। …
और तुम सुन रहे हो या नहीं
हिटलर के चेलों
काली टोपी वालों !
'धर्म-निरपेक्ष' … 'हिन्दू राष्ट्र' नहीं !
जब तक संविधान जीवित है
भारत का
तब तक
या तो संविधान का पालन करो
या देश छोड़ दो !
चार पूंजीपतियों के वोटों से
नहीं बनती सरकार
किसी भी लोकतांत्रिक देश में
न ही कोई अमरीकी आने वाला है
तुम्हारी सहायता को !
ओ महामूर्खों !
ज़रा अपनी स्मरण-शक्ति को टटोलो
और याद करो
1977, 1996, 2004 को
सरकार तो
आम आदमी ही बनाएगा
भारत में
जब तक जीवित है हमारा संविधान !
जिसे मुग़ालता हो
अपने महानायकत्व का
वह आ जाए नीचे
यथार्थ के धरातल पर !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
.
धर्म-निरपेक्ष, समाजवादी देश है…!'
सुन रहे हो
पूंजीवाद के झंडाबरदारों ?
ओ नीली पगड़ी वालों, सुन रहे हो ?
'समाजवादी'… 'पूंजीवादी' नहीं। …
और तुम सुन रहे हो या नहीं
हिटलर के चेलों
काली टोपी वालों !
'धर्म-निरपेक्ष' … 'हिन्दू राष्ट्र' नहीं !
जब तक संविधान जीवित है
भारत का
तब तक
या तो संविधान का पालन करो
या देश छोड़ दो !
चार पूंजीपतियों के वोटों से
नहीं बनती सरकार
किसी भी लोकतांत्रिक देश में
न ही कोई अमरीकी आने वाला है
तुम्हारी सहायता को !
ओ महामूर्खों !
ज़रा अपनी स्मरण-शक्ति को टटोलो
और याद करो
1977, 1996, 2004 को
सरकार तो
आम आदमी ही बनाएगा
भारत में
जब तक जीवित है हमारा संविधान !
जिसे मुग़ालता हो
अपने महानायकत्व का
वह आ जाए नीचे
यथार्थ के धरातल पर !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
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