यह निश्चित करना
काफ़ी मुश्किल होता जा रहा है
कि शत्रु
स्वयं ख़तरनाक है
या उसके समर्थक
कुछ लोग
जो स्वयं सामने नहीं आते
किंतु युद्ध के सारे सूत्र
अपने हाथ में रखना चाहते हैं
वे जानते हैं
कि विजेता अंततः वही होंगे
युद्ध का परिणाम चाहे जो भी हो !
साधन-संपन्न होने का एक अर्थ यह भी है
आजकल
कि लोकतंत्र की सारी निर्णय-प्रक्रिया को
अपने वश में कर लिया जाए
ताकि हमेशा छिपे रहें
आपके सारे अपराध !
अब यदि ऐसे लोग
भ्रम में ही जीना चाहें
तो क्या कहा जा सकता है भला ?
निर्णय तो हो चुका
केवल घोषणा शेष है
युद्ध के परिणाम की
आप यदि सही निर्णय के साथ हैं
तो मिठाइयां बांट सकते हैं
परिणाम की प्रतीक्षा किए बिना !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
...
काफ़ी मुश्किल होता जा रहा है
कि शत्रु
स्वयं ख़तरनाक है
या उसके समर्थक
कुछ लोग
जो स्वयं सामने नहीं आते
किंतु युद्ध के सारे सूत्र
अपने हाथ में रखना चाहते हैं
वे जानते हैं
कि विजेता अंततः वही होंगे
युद्ध का परिणाम चाहे जो भी हो !
साधन-संपन्न होने का एक अर्थ यह भी है
आजकल
कि लोकतंत्र की सारी निर्णय-प्रक्रिया को
अपने वश में कर लिया जाए
ताकि हमेशा छिपे रहें
आपके सारे अपराध !
अब यदि ऐसे लोग
भ्रम में ही जीना चाहें
तो क्या कहा जा सकता है भला ?
निर्णय तो हो चुका
केवल घोषणा शेष है
युद्ध के परिणाम की
आप यदि सही निर्णय के साथ हैं
तो मिठाइयां बांट सकते हैं
परिणाम की प्रतीक्षा किए बिना !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
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