लोग चुन लें
विकल्प हैं सामने
एक ओर शांति है, समृद्धि है
भावी पीढ़ियों के लिए
संभावनाएं हैं.…
दूसरी ओर हिंसा है, मार-काट है
असभ्यता और बर्बरता के जंगल हैं
पुनः मनुष्य से पशु बनने की
शताब्दियों लम्बी प्रक्रिया है….
हमारे पास समय है
दोनों विकल्पों के बारे में
सोचने-समझने
और निर्णय लेने का
कोई जल्दी नहीं है अभी
किंतु एक भी ग़लती पड़ सकती है
बहुत भारी
कई-कई पीढ़ियों के लिए
बस इतना ही करना
कि समय के मार्ग में
बबूल मत बोना !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
.
विकल्प हैं सामने
एक ओर शांति है, समृद्धि है
भावी पीढ़ियों के लिए
संभावनाएं हैं.…
दूसरी ओर हिंसा है, मार-काट है
असभ्यता और बर्बरता के जंगल हैं
पुनः मनुष्य से पशु बनने की
शताब्दियों लम्बी प्रक्रिया है….
हमारे पास समय है
दोनों विकल्पों के बारे में
सोचने-समझने
और निर्णय लेने का
कोई जल्दी नहीं है अभी
किंतु एक भी ग़लती पड़ सकती है
बहुत भारी
कई-कई पीढ़ियों के लिए
बस इतना ही करना
कि समय के मार्ग में
बबूल मत बोना !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
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