जब कुत्तों की सरकार हो
तो कौन रोकेगा
भेड़ियों को शिकार से ?
असमानता का लोकतंत्र
ऐसे ही चलता आया है
ऐसे ही चलेगा
आगे भी
लेकिन बहुत देर तक
नहीं चल सकता ऐसे
एक ही मार्ग है
जंगल में लोकतंत्र बचाने का
कि सारे हिंस्र पशुओं के
नख-दन्त तोड़ दिए जाएं…
जीवित रहना है
तो उठाने ही होंगे
सारे ख़तरे !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
.
तो कौन रोकेगा
भेड़ियों को शिकार से ?
असमानता का लोकतंत्र
ऐसे ही चलता आया है
ऐसे ही चलेगा
आगे भी
लेकिन बहुत देर तक
नहीं चल सकता ऐसे
एक ही मार्ग है
जंगल में लोकतंत्र बचाने का
कि सारे हिंस्र पशुओं के
नख-दन्त तोड़ दिए जाएं…
जीवित रहना है
तो उठाने ही होंगे
सारे ख़तरे !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
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