। एक।
गिद्ध लौट आए हैं
बस्तियों के आस-पास
बहुत-से सूखे हुए पेड़ों पर
नज़र आने लगे हैं
आजकल
गौरइयें भी आएंगी क्या
अपने छूटे हुए घोंसलों में ?
घर बहुत सूना लगता है
सचमुच
गौरेयों के बिना !
और कौवे ?
क्या सचमुच आएंगे लौट कर
पूर्वजों का भोग
जुठारने ?
। दो।
गिद्ध लौट आए हैं
तमाम आशंकाओं को
दरकिनार करते
तमाम असंभावनाओं के विरुद्ध
आगामी पांच वर्ष तक
ताजो-तख़्त सम्हालने के लिए
सम्भवतः
अन्य कोई और विकल्प हो
अगली बार
चुनने के लिए … ।
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
.
गिद्ध लौट आए हैं
बस्तियों के आस-पास
बहुत-से सूखे हुए पेड़ों पर
नज़र आने लगे हैं
आजकल
गौरइयें भी आएंगी क्या
अपने छूटे हुए घोंसलों में ?
घर बहुत सूना लगता है
सचमुच
गौरेयों के बिना !
और कौवे ?
क्या सचमुच आएंगे लौट कर
पूर्वजों का भोग
जुठारने ?
। दो।
गिद्ध लौट आए हैं
तमाम आशंकाओं को
दरकिनार करते
तमाम असंभावनाओं के विरुद्ध
आगामी पांच वर्ष तक
ताजो-तख़्त सम्हालने के लिए
सम्भवतः
अन्य कोई और विकल्प हो
अगली बार
चुनने के लिए … ।
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
.