कार टकराती है
दूसरी कार से
या किसी ट्रक या किसी पेड़ से
नेताजी बच जाते हैं
ट्रेन उतर जाती है
पटरी से
नेता जी बच जाते हैं
हवाई जहाज़ गिर जाता है
ज़मीन पर
नेताजी फिर बच जाते हैं
नेताजी तो तब भी बच जाते हैं
जब उनकी सभा में बम-विस्फोट होता है !
नेता की जान है
इतनी सरलता से निकलती है कहीं ?
सुरक्षित जीना चाहते हो न ?
तो नेताजी के आगे-पीछे घूमो
यही नियति है
यही प्रारब्ध !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
दूसरी कार से
या किसी ट्रक या किसी पेड़ से
नेताजी बच जाते हैं
ट्रेन उतर जाती है
पटरी से
नेता जी बच जाते हैं
हवाई जहाज़ गिर जाता है
ज़मीन पर
नेताजी फिर बच जाते हैं
नेताजी तो तब भी बच जाते हैं
जब उनकी सभा में बम-विस्फोट होता है !
नेता की जान है
इतनी सरलता से निकलती है कहीं ?
सुरक्षित जीना चाहते हो न ?
तो नेताजी के आगे-पीछे घूमो
यही नियति है
यही प्रारब्ध !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल