मिट्टी के इन ढूहों को
ध्यान से देखिए
इन्हीं में कहीं दबा है
एक शहर !
विध्वंस की महागाथा छिपी है
इन्हीं टीलों में कहीं
आत्म-विनाश की प्रवृत्ति के प्रमाण
आत्म-घाती विकास की अवधारणाएं
मनुष्य के अ-मनुष्य होते जाने
और मूल्यों के पतन की कहानियां ....
यहीं कहीं दबे पड़े हैं
गर्वोन्नत सभ्यता
और तथाकथित महानतम संस्कृति के
नष्टप्राय अवशेष ....!
प्रकृति तो बार-बार चेताती थी
हम ही अनसुना करते रहे ....
अंततः, क्या ढूंढने आए हैं हम
इन डरावनी उपत्यकाओं में ?
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
ध्यान से देखिए
इन्हीं में कहीं दबा है
एक शहर !
विध्वंस की महागाथा छिपी है
इन्हीं टीलों में कहीं
आत्म-विनाश की प्रवृत्ति के प्रमाण
आत्म-घाती विकास की अवधारणाएं
मनुष्य के अ-मनुष्य होते जाने
और मूल्यों के पतन की कहानियां ....
यहीं कहीं दबे पड़े हैं
गर्वोन्नत सभ्यता
और तथाकथित महानतम संस्कृति के
नष्टप्राय अवशेष ....!
प्रकृति तो बार-बार चेताती थी
हम ही अनसुना करते रहे ....
अंततः, क्या ढूंढने आए हैं हम
इन डरावनी उपत्यकाओं में ?
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल