कुछ बातें
कुछ चीज़ें
कुछ सिद्धान्त
कभी नहीं बदलते
मसलन, कुत्ते की पूंछ
बंदर की गुलाटियां
सियारों की हुआं-हुआं
मसलन, ख़ाकी नेकर
और काली टोपियों का चरित्र
किसी नरभक्षी अहंकारी की आदतें
तो
कभी भी नहीं बदल सकतीं
किसी भी मूल्य पर !
जब आप सांप पर विश्वास करते हैं
कि वह
नहीं डसेगा आपको
ठीक उसी समय वह
तोड़ देता है आपका विश्वास ...
आख़िर क्यों करते हैं आप
इतने ख़तरनाक प्रयोग
बार-बार ?
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
....
कुछ चीज़ें
कुछ सिद्धान्त
कभी नहीं बदलते
मसलन, कुत्ते की पूंछ
बंदर की गुलाटियां
सियारों की हुआं-हुआं
मसलन, ख़ाकी नेकर
और काली टोपियों का चरित्र
किसी नरभक्षी अहंकारी की आदतें
तो
कभी भी नहीं बदल सकतीं
किसी भी मूल्य पर !
जब आप सांप पर विश्वास करते हैं
कि वह
नहीं डसेगा आपको
ठीक उसी समय वह
तोड़ देता है आपका विश्वास ...
आख़िर क्यों करते हैं आप
इतने ख़तरनाक प्रयोग
बार-बार ?
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
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