शेरों को हक़ नहीं
कि वे
खुले आम घूमें शहर में
उनकी सत्ता सीमित है
अपने वन तक
वहीं रहें
उन्हीं का शिकार करें
जो रियाया है उनकी !
वैसे भी
डरता कौन है शहर में
जंगली सूअरों और शेरों से
चाहे वे गीर से आएं
चाहे कान्हाकिसली से !
शेरों से गुज़ारिश है
कि यहां-वहां न घूमें
खुले आम शहर में
एक चेतावनी भी है
कि शहर के बच्चे
बहुत शैतान हो गए हैं
आजकल
उन्हें शौक़ लग चुका है
शेरों के गले में
पट्टा डाल कर
कुत्तों की तरह घुमाने
और बंदर की तरह नचाने का !
अपनी सत्ता और सम्मान प्यारे हैं
तो दूर रहें हमारे शहर से
सारे हिंस्र, वन्य पशु !
कि वे
खुले आम घूमें शहर में
उनकी सत्ता सीमित है
अपने वन तक
वहीं रहें
उन्हीं का शिकार करें
जो रियाया है उनकी !
वैसे भी
डरता कौन है शहर में
जंगली सूअरों और शेरों से
चाहे वे गीर से आएं
चाहे कान्हाकिसली से !
शेरों से गुज़ारिश है
कि यहां-वहां न घूमें
खुले आम शहर में
एक चेतावनी भी है
कि शहर के बच्चे
बहुत शैतान हो गए हैं
आजकल
उन्हें शौक़ लग चुका है
शेरों के गले में
पट्टा डाल कर
कुत्तों की तरह घुमाने
और बंदर की तरह नचाने का !
अपनी सत्ता और सम्मान प्यारे हैं
तो दूर रहें हमारे शहर से
सारे हिंस्र, वन्य पशु !
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