'देश-भक्ति, जनसेवा'
अच्छा लगता है न
पढ़ कर, सुन कर…
और देख कर ???
रोंगटे खड़े हो जाते हैं
जब कोई लहीम-शहीम लठैत
खड़ा हो जाता है
आंखों के सामने !
सच बताइए,
डर नहीं लगता क्या आपको
पुलिस के नाम से ?
बच्चा-बच्चा जानता है
कि पुलिस क्या होती है
पुलिस यानी डंडा
पुलिस यानी बंदूक
यानी मशीन गन
यानी 'वॉटर कैनन'….
पुलिस यानी सरकार का
सबसे विश्वस्त अनुचर
आम आदमी के विरुद्ध…
भारत में सुरक्षित रहना है तो
पुलिस के हत्थे मत चढ़ना कभी !
समय विपरीत हो
तो पुलिस
ख़ुद अपने बाप की भी नहीं होती !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
.
अच्छा लगता है न
पढ़ कर, सुन कर…
और देख कर ???
रोंगटे खड़े हो जाते हैं
जब कोई लहीम-शहीम लठैत
खड़ा हो जाता है
आंखों के सामने !
सच बताइए,
डर नहीं लगता क्या आपको
पुलिस के नाम से ?
बच्चा-बच्चा जानता है
कि पुलिस क्या होती है
पुलिस यानी डंडा
पुलिस यानी बंदूक
यानी मशीन गन
यानी 'वॉटर कैनन'….
पुलिस यानी सरकार का
सबसे विश्वस्त अनुचर
आम आदमी के विरुद्ध…
भारत में सुरक्षित रहना है तो
पुलिस के हत्थे मत चढ़ना कभी !
समय विपरीत हो
तो पुलिस
ख़ुद अपने बाप की भी नहीं होती !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
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1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर
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