शासकों का
हृदय-परिवर्त्तन नहीं होता
परिवर्त्तन चाहिए
तो मौन असंतोष से
कुछ नहीं होगा
और न छिट-पुट विप्लवों से
उखाड़ कर फेंकने होंगे
साम्राज्यों के स्मृति-चिह्न
तोड़ने होंगे सत्ताधारियों के
सारे तिलिस्म
ध्वस्त करने होंगे
शत्रुओं के सुरक्षा-कवच
भेदने होंगे
सारे चक्रव्यूह
फाड़ कर फेंकनी होंगी ध्वजाएं
गढ़ने होंगे नए प्रतीक
और प्रतिमान
तत्पर रहना होगा
किसी भी क्षण
बलिदान के लिए ....
क्रांति
कोई बच्चों का खेल नहीं है !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
हृदय-परिवर्त्तन नहीं होता
परिवर्त्तन चाहिए
तो मौन असंतोष से
कुछ नहीं होगा
और न छिट-पुट विप्लवों से
उखाड़ कर फेंकने होंगे
साम्राज्यों के स्मृति-चिह्न
तोड़ने होंगे सत्ताधारियों के
सारे तिलिस्म
ध्वस्त करने होंगे
शत्रुओं के सुरक्षा-कवच
भेदने होंगे
सारे चक्रव्यूह
फाड़ कर फेंकनी होंगी ध्वजाएं
गढ़ने होंगे नए प्रतीक
और प्रतिमान
तत्पर रहना होगा
किसी भी क्षण
बलिदान के लिए ....
क्रांति
कोई बच्चों का खेल नहीं है !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
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