मैंने पहाड़ की ऊंचाई देखी
और डर गया
मैंने समुद्र की गहराई देखी
और भी डर गया
मैंने मरुस्थल का विस्तार देखा
और उसमें चलती धूल-भरी आंधियां भी
और बहुत ज़्यादा डर गया ...
एक-एक कर चुनौतियां मेरे सामने आती रहीं
और मैं हर चुनौती से डरता रहा
धीरे-धीरे चुनौतियां बड़ी होती गईं
और मैं उतना ही छोटा ...
जिस दिन मैंने अपने छोटे होते जाने को
महसूस किया
उसी दिन
मैं बड़ा होने लगा !
आज मुझे पता नहीं
कि चुनौती शब्द
किस भाषा का है !
और डर गया
मैंने समुद्र की गहराई देखी
और भी डर गया
मैंने मरुस्थल का विस्तार देखा
और उसमें चलती धूल-भरी आंधियां भी
और बहुत ज़्यादा डर गया ...
एक-एक कर चुनौतियां मेरे सामने आती रहीं
और मैं हर चुनौती से डरता रहा
धीरे-धीरे चुनौतियां बड़ी होती गईं
और मैं उतना ही छोटा ...
जिस दिन मैंने अपने छोटे होते जाने को
महसूस किया
उसी दिन
मैं बड़ा होने लगा !
आज मुझे पता नहीं
कि चुनौती शब्द
किस भाषा का है !
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