अरे ! आज दो अक्टूबर है
और बापू
आज राजघाट पर नहीं हैं ...
वे गए हैं बसहड़ा
गांव की गलियों में
अख़्लाक़ अहमद का ख़ून साफ़ करने !
भक्त जन !
अब बस भी करो
नौटंकी !
(2015)
-सुरेश स्वप्निल
...
और बापू
आज राजघाट पर नहीं हैं ...
वे गए हैं बसहड़ा
गांव की गलियों में
अख़्लाक़ अहमद का ख़ून साफ़ करने !
भक्त जन !
अब बस भी करो
नौटंकी !
(2015)
-सुरेश स्वप्निल
...
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