न्याय क्या होता है ?
कहां मिलता है ?
कब, किसको
किस क़ीमत पर
किसकी क़ीमत पर मिलता है
न्याय ?
कटे हुए वृक्षों से पूछो
पूछो गौरैयों से, कौव्वों से
शिकार होते हिरणों से पूछो
पूछो सड़क पर सोने वाले
कुत्तों की मौत मारे जाने वालों से
खदान में फंस कर
दम घुट कर मर जाने वालों से
पूछो 'आतंकवादी' या 'नक्सलवादी' बता कर
फ़र्ज़ी मुठभेड़ों में मार डाले जाने वाले
नौजवानों से
पूछो उनसे जो अपनी ज़मीन छिन जाने पर
महीनों तक पानी में खड़े रहते हैं
केवल आश्वासन की प्रतीक्षा में
हो सकता है न्याय मिलता हो
कहीं, किसी देश में
बिना किसी भेदभाव के
हमारे देश में नहीं मिलता !!!
(2015)
-सुरेश स्वप्निल
कहां मिलता है ?
कब, किसको
किस क़ीमत पर
किसकी क़ीमत पर मिलता है
न्याय ?
कटे हुए वृक्षों से पूछो
पूछो गौरैयों से, कौव्वों से
शिकार होते हिरणों से पूछो
पूछो सड़क पर सोने वाले
कुत्तों की मौत मारे जाने वालों से
खदान में फंस कर
दम घुट कर मर जाने वालों से
पूछो 'आतंकवादी' या 'नक्सलवादी' बता कर
फ़र्ज़ी मुठभेड़ों में मार डाले जाने वाले
नौजवानों से
पूछो उनसे जो अपनी ज़मीन छिन जाने पर
महीनों तक पानी में खड़े रहते हैं
केवल आश्वासन की प्रतीक्षा में
हो सकता है न्याय मिलता हो
कहीं, किसी देश में
बिना किसी भेदभाव के
हमारे देश में नहीं मिलता !!!
(2015)
-सुरेश स्वप्निल
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