बेशक़
बहुत कुछ पाया जा सकता है
चुप रह कर
मसलन, सरकारी नौकरी,
गाड़ी, बंगला,
यश, प्रतिष्ठा, सम्मान
और पुरस्कार...
बेशक़, बचा जा सकता है
चुप रह कर
तमाम मुसीबतों से
जैसे, पुलिस
सीबीआई, इनकम टैक्स,
फ़र्ज़ी मुठभेड़ ....
बेशक़, आत्म-हत्या का
एक बेहतर तरीक़ा है
सब-कुछ देखते-सुनते हुए भी
चुप रहना !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
...
बहुत कुछ पाया जा सकता है
चुप रह कर
मसलन, सरकारी नौकरी,
गाड़ी, बंगला,
यश, प्रतिष्ठा, सम्मान
और पुरस्कार...
बेशक़, बचा जा सकता है
चुप रह कर
तमाम मुसीबतों से
जैसे, पुलिस
सीबीआई, इनकम टैक्स,
फ़र्ज़ी मुठभेड़ ....
बेशक़, आत्म-हत्या का
एक बेहतर तरीक़ा है
सब-कुछ देखते-सुनते हुए भी
चुप रहना !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
...
1 टिप्पणी:
बहुत खूब
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