गुरुवार, 1 मई 2014

मई दिवस पर : बोल मजूरा, हल्ला बोल

बोल  मजूरा,  हल्ला  बोल
बोल  जवाना,  हल्ला  बोल
बोल  किसाना,  हल्ला  बोल

हल्ला  बोल  कि  हिल  जाए  धरती,  डोले  आकाश

सदियों  से  तेरी  मेहनत  का
फल  औरों  ने  खाया  है
नहीं-नहीं,  अब  सोना  कैसा
सूरज  सिर  पर  आया  है

हुआ  सबेरा,  आंखें  खोल 
बाज़ू  की  ताक़त  को  तौल
ले  अपनी  मेहनत  का  मोल 
तू  सब  कुछ  है,  अपने  मन  में  पैदा  कर  विश्वास

जाग  कि  दुनिया  को  बतला  दे
क्या  है  तेरी  क़ीमत
अपने  मेहनतकश  हाथों  से
लिख  दे  जग  की  क़िस्मत

तुझसे  आंख  मिलाए  कौन
आंधी  से  टकराए  कौन
अपनी  मौत  बुलाए  कौन
कब  तक  तुझसे  हार  न  मानेंगे  क़ातिल  एहसास

बोल  मजूरा,  हल्ला  बोल 
बोल  जवाना,  हल्ला  बोल
बोल  किसाना,  हल्ला  बोल

हल्ला  बोल  कि  हिल  जाए  धरती,  डोले  आकाश

हल्ला  बोल
हल्ला  बोल
हल्ला  बोल  !!! 


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