च्च च्च च्च च्च !
बहुत बुरा हुआ सचमुच
सामंत की बकरी मर गई !
सामंत का दुःख बहुत बड़ा होता है
शोक मनाओ, मूर्खों !
अपनी बकरियों की चिंता करो,
हानि उठाने के लिए नहीं होता
सामंत का जन्म !
आज नहीं तो कल
आ ही धमकेंगी
सामंत की सेनाएं
क्या पता किसकी बकरी पर
मन आ जाए
सैनिकों का !
मीडिया से सबक़ सीखो
अपने चेहरों पर कालिख़ पोत लो
मातम मनाओ
और अपनी बकरियों को
बांध कर रखो बाड़े में …
मज़ाक़ नहीं है
सामंत की बकरी का मरना !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
…
बहुत बुरा हुआ सचमुच
सामंत की बकरी मर गई !
सामंत का दुःख बहुत बड़ा होता है
शोक मनाओ, मूर्खों !
अपनी बकरियों की चिंता करो,
हानि उठाने के लिए नहीं होता
सामंत का जन्म !
आज नहीं तो कल
आ ही धमकेंगी
सामंत की सेनाएं
क्या पता किसकी बकरी पर
मन आ जाए
सैनिकों का !
मीडिया से सबक़ सीखो
अपने चेहरों पर कालिख़ पोत लो
मातम मनाओ
और अपनी बकरियों को
बांध कर रखो बाड़े में …
मज़ाक़ नहीं है
सामंत की बकरी का मरना !
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
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