ख़ेराजे-अक़ीदत
जनाब मरहूम नेल्सन मंडेला
उसके क़दमों के निशां वक़्त के सीने पे हैं
चला ज़रूर गया है वो: शख़्स दुनिया से …
कामरेड नेल्सन मंडेला ज़िंदाबाद ! ज़िंदाबाद !
कामरेड नेल्सन मंडेला अमर रहें! अमर रहें !
6 दिसं 2013
-सुरेश स्वप्निल और इंसानियत के तमाम सिपाही
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1 टिप्पणी:
डेला गोरों के बंधा, बड़ा मरकहा जीव ।
कालों को मारा किया, दुःख दुर्दशा अतीव ।
दुःख दुर्दशा अतीव, नींव के अनगढ़ पत्थर ।
चोट खाय वे मनुज, बैठ जाते थे थककर ।
दिला दिया सम्मान, हिलाया देश अकेला ।
आया गाँधी एक, जियो नेल्सन मंडेला ॥
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