कोई नहीं जानता
कि क्या है
अति-नायक के मन में
जैसे लोग
नहीं जानते कि
कब-किस करवट बैठ जाए
ऊंट !
जैसे कोई नहीं जानता
कि पागल कुत्ता
किसको काटेगा अंतत:
कोई यह भी नहीं जानता
कि तक्षक सांप
किस कोने में छिपा बैठा है
और कब हमला कर देगा
किसान के शरीर पर....
शेर, भालू , मगरमच्छ
और शार्क के इरादों को भी
नहीं जानता कोई भी....
अति-नायक कम नहीं है
किसी भी हिंसक पशु से
मौक़ा मिलते ही
किस पर टूटेगा उसका क़हर
यह न आप जानते हैं
न हम …
कुछ लोग फिर भी
चाहते हैं
अति-नायक के हाथ में
सत्ता सौंपना
जिसकी मति मारी गई हो
कौन समझा सकता है
भला उसे ?
हमने तय किया है
कि हम नहीं होंगे
किसी भी अति-नायक के समर्थन में …
आप भी तय कर ही लें
अपने बारे में !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
.
कि क्या है
अति-नायक के मन में
जैसे लोग
नहीं जानते कि
कब-किस करवट बैठ जाए
ऊंट !
जैसे कोई नहीं जानता
कि पागल कुत्ता
किसको काटेगा अंतत:
कोई यह भी नहीं जानता
कि तक्षक सांप
किस कोने में छिपा बैठा है
और कब हमला कर देगा
किसान के शरीर पर....
शेर, भालू , मगरमच्छ
और शार्क के इरादों को भी
नहीं जानता कोई भी....
अति-नायक कम नहीं है
किसी भी हिंसक पशु से
मौक़ा मिलते ही
किस पर टूटेगा उसका क़हर
यह न आप जानते हैं
न हम …
कुछ लोग फिर भी
चाहते हैं
अति-नायक के हाथ में
सत्ता सौंपना
जिसकी मति मारी गई हो
कौन समझा सकता है
भला उसे ?
हमने तय किया है
कि हम नहीं होंगे
किसी भी अति-नायक के समर्थन में …
आप भी तय कर ही लें
अपने बारे में !
( 2013 )
-सुरेश स्वप्निल
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1 टिप्पणी:
अति नायक को छोड़िये, आया पाक विचार |
धाक धमाके सब जगह, अंदर बाहर मार |
अंदर बाहर मार, धार्मिक जेहादी का |
करते खुला प्रचार, मिला दुनिया का ठीका |
शुतुरमुर्ग सा बंद, आँख रविकर कर लेगा |
नहीं दिखे उन्माद, दिखाओ ऐसे ठेंगा ||
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