अख़्तर मियां !
जब तुम्हारी नन्हीं पोती
पैयां-पैयां चल कर
तुम्हारे पास आएगी
और
दोनों हाथ पकड़ कर
झूल जाएगी
तो क्या दोगे तुम उसे ?
कपड़े की गुड़िया
गैस का गुब्बारा
पर-टूटी प्लास्टिक की चिड़िया
दस पैसे का घिसा हुआ सिक्का
या,
ऊन-जैसे नर्म-गर्म गालों पर
सिर्फ़, एक पप्पी ?
औरों की तरह
तुमने भी
देखे होंगे सपने
सोचा होगा बहुत-कुछ
अपनी अज़रा के लिए ...
परियों-जैसे लिबास
ढेरों खिलौने
सुंदर-सी गाड़ी
फूलों के बिछौने -
और ,
शाहज़ादों की
ढेरों कहानियां ...
मगर
है ही क्या तुम्हारे पास
अख़्तर मियां ?
झूठे दिलासे/ मत देना
झूठे बहाने/ मत बहाना
मत दिखाना झूठे सपने ...
अभी आती ही होगी
तुम्हारी नन्हीं पोती
अपनी फटी हुई फ्रॉक में
उंगलियां फसाए ...
धूल में लिपटी
" बाबा-बाबा ! हमतो धली दिला दो"-कहती
तब तुम
उसे गोदी में उठा कर
ख़ूब प्यार करना ...
हक़ीक़त को
छिपाना नहीं अख़्तर मियां
रोना भी नहीं अख़्तर मियां
यह नई पीढ़ी
सच को प्यार करती है
-कभी कह कर देखो !
( 1982 )
-सुरेश स्वप्निल
* अपने बचपन के दिनों के परम शुभ-चिन्तक , अख़्तर भाई साइकिल वालों के लिए।
** संभवतः, अप्रकाशित/अप्रसारित; प्रकाशन हेतु उपलब्ध।
जब तुम्हारी नन्हीं पोती
पैयां-पैयां चल कर
तुम्हारे पास आएगी
और
दोनों हाथ पकड़ कर
झूल जाएगी
तो क्या दोगे तुम उसे ?
कपड़े की गुड़िया
गैस का गुब्बारा
पर-टूटी प्लास्टिक की चिड़िया
दस पैसे का घिसा हुआ सिक्का
या,
ऊन-जैसे नर्म-गर्म गालों पर
सिर्फ़, एक पप्पी ?
औरों की तरह
तुमने भी
देखे होंगे सपने
सोचा होगा बहुत-कुछ
अपनी अज़रा के लिए ...
परियों-जैसे लिबास
ढेरों खिलौने
सुंदर-सी गाड़ी
फूलों के बिछौने -
और ,
शाहज़ादों की
ढेरों कहानियां ...
मगर
है ही क्या तुम्हारे पास
अख़्तर मियां ?
झूठे दिलासे/ मत देना
झूठे बहाने/ मत बहाना
मत दिखाना झूठे सपने ...
अभी आती ही होगी
तुम्हारी नन्हीं पोती
अपनी फटी हुई फ्रॉक में
उंगलियां फसाए ...
धूल में लिपटी
" बाबा-बाबा ! हमतो धली दिला दो"-कहती
तब तुम
उसे गोदी में उठा कर
ख़ूब प्यार करना ...
हक़ीक़त को
छिपाना नहीं अख़्तर मियां
रोना भी नहीं अख़्तर मियां
यह नई पीढ़ी
सच को प्यार करती है
-कभी कह कर देखो !
( 1982 )
-सुरेश स्वप्निल
* अपने बचपन के दिनों के परम शुभ-चिन्तक , अख़्तर भाई साइकिल वालों के लिए।
** संभवतः, अप्रकाशित/अप्रसारित; प्रकाशन हेतु उपलब्ध।
2 टिप्पणियां:
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण.
बहुत खूब भाव पूर्ण प्रस्तुति
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
एक शाम तो उधार दो
मेरे भी ब्लॉग का अनुसरण करे
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