असंभव है
समुद्र की तलहटी को
भेद कर
अंतरिक्ष में छलांग लगाना
और अपनी मुट्ठी में
चांद-तारे क़ैद कर लाना
संसार की नवीनतम तकनीक
और सर्व-सक्षम मशीनों
और सबसे शक्तिशाली
मनुष्य के लिए
यहां तक कि
कवि के मन
और कल्पनाशक्ति के लिए भी !
आसान है
असंभव को लक्ष्य बना कर
स्वयं को
और समाज को
भ्रमित कर लेना !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
...
समुद्र की तलहटी को
भेद कर
अंतरिक्ष में छलांग लगाना
और अपनी मुट्ठी में
चांद-तारे क़ैद कर लाना
संसार की नवीनतम तकनीक
और सर्व-सक्षम मशीनों
और सबसे शक्तिशाली
मनुष्य के लिए
यहां तक कि
कवि के मन
और कल्पनाशक्ति के लिए भी !
आसान है
असंभव को लक्ष्य बना कर
स्वयं को
और समाज को
भ्रमित कर लेना !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
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