अलादीन का चिराग़
मिल गया है उसे
अब वह
चिराग़ को रगड़ेगा ज़मीन पर
और दैत्य प्रकट हो जाएगा
'क्या हुक्म है मेरे आक़ा ?'
कहता हुआ ...
मगर इस बार
दैत्य की भी कुछ शर्त्तें हैं
जो माननी ही होंगी उसे
जैसे, रोज़ सौ-पचास मनुष्यों का
ताज़ा मांस....
यदि देश को
संसार की महाशक्ति बनाना है
यदि चीन, पाकिस्तान
और अमेरिका को
अपने पाँवों में गिरना है
तो इतना त्याग करना ही पड़ेगा
और फ़र्क़ क्या पड़ता है उसे ?
सवा सौ करोड़ की जनसंख्या में
रोज़ सौ-पचास चढ़ा भी दिए
दैत्य की भेंट
तो भी
देश की जनसंख्या कम नहीं होने वाली
और फिर दैत्य भी तो है !
बहरहाल,
एक और शर्त्त भी है देश की
जिसे पूरा करने के लिए
आपकी मदद चाहिए उसे
आप बस, एक बार
प्रधानमंत्री बनवा दीजिए उसे
अखंड भारत राष्ट्र का ....!
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
...
मिल गया है उसे
अब वह
चिराग़ को रगड़ेगा ज़मीन पर
और दैत्य प्रकट हो जाएगा
'क्या हुक्म है मेरे आक़ा ?'
कहता हुआ ...
मगर इस बार
दैत्य की भी कुछ शर्त्तें हैं
जो माननी ही होंगी उसे
जैसे, रोज़ सौ-पचास मनुष्यों का
ताज़ा मांस....
यदि देश को
संसार की महाशक्ति बनाना है
यदि चीन, पाकिस्तान
और अमेरिका को
अपने पाँवों में गिरना है
तो इतना त्याग करना ही पड़ेगा
और फ़र्क़ क्या पड़ता है उसे ?
सवा सौ करोड़ की जनसंख्या में
रोज़ सौ-पचास चढ़ा भी दिए
दैत्य की भेंट
तो भी
देश की जनसंख्या कम नहीं होने वाली
और फिर दैत्य भी तो है !
बहरहाल,
एक और शर्त्त भी है देश की
जिसे पूरा करने के लिए
आपकी मदद चाहिए उसे
आप बस, एक बार
प्रधानमंत्री बनवा दीजिए उसे
अखंड भारत राष्ट्र का ....!
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
...
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