इतना अंधविश्वास
मत कीजिए किसी पर
कि वास्तविकता प्रकट होने पर
लज्जित होना पड़े
अपने-आप पर !
प्रचार का अर्थ ही है
उन 'गुणों' का दावा करना
जो व्यक्ति/वस्तु में
कभी न थे, न होंगे
और जिनको लेकर
कोई मुक़दमा भी न चलाया जा सके
सरासर धोखे का व्यापार है
प्रचार का विचार
लोग तो
सब्ज़ी-भाजी भी ख़रीदते हैं
तो दर्ज़नों तर्कों के बाद
आप क्या ऐसे ही सौंप देंगे
देश की सत्ता किसी भी अपात्र को ?
मात्र प्रचार से प्रभावित हो कर ? ?
आप भाग्य-विधाता हैं देश के
आपकी नैतिक ज़िम्मेदारी है
भावी पीढ़ियों के लिए
कि सत्ता
सदैव सही हाथों तक पहुंचे
आप मुकर नहीं सकते
इस उत्तरदायित्व से
सही निर्णय लीजिए
सही समय पर
ताकि भावी पीढ़ियां
गर्व कर सकें
आपके विवेक पर !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
....
मत कीजिए किसी पर
कि वास्तविकता प्रकट होने पर
लज्जित होना पड़े
अपने-आप पर !
प्रचार का अर्थ ही है
उन 'गुणों' का दावा करना
जो व्यक्ति/वस्तु में
कभी न थे, न होंगे
और जिनको लेकर
कोई मुक़दमा भी न चलाया जा सके
सरासर धोखे का व्यापार है
प्रचार का विचार
लोग तो
सब्ज़ी-भाजी भी ख़रीदते हैं
तो दर्ज़नों तर्कों के बाद
आप क्या ऐसे ही सौंप देंगे
देश की सत्ता किसी भी अपात्र को ?
मात्र प्रचार से प्रभावित हो कर ? ?
आप भाग्य-विधाता हैं देश के
आपकी नैतिक ज़िम्मेदारी है
भावी पीढ़ियों के लिए
कि सत्ता
सदैव सही हाथों तक पहुंचे
आप मुकर नहीं सकते
इस उत्तरदायित्व से
सही निर्णय लीजिए
सही समय पर
ताकि भावी पीढ़ियां
गर्व कर सकें
आपके विवेक पर !
(2014)
-सुरेश स्वप्निल
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