सूर्य ठगा-सा रह जाता है
हर बार
जब मौसम इन्कार कर देता है
बदलने से !
आख़िर हंसी-मज़ाक़ है क्या
बार-बार गर्म कपड़े तह कर रखना
और फिर निकालना ...
जो भी हो,
यह लगभग तय होता जा रहा है
कि मौसम
अनुशासन-विहीन हो गया है आजकल
अब तो वह
भू-गतिकी के नियम भी नहीं मानता !
सच कहा जाए
तो अशुभ-संकेत हैं ये लक्षण
पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए
नितांत घातक !
सूर्य की सत्ता का निर्बल होना
हमारे पक्ष में नहीं है
मगर मौसम की अनुशासनहीनता का कारण
कौन है और
हमारे सिवा ???
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
...
हर बार
जब मौसम इन्कार कर देता है
बदलने से !
आख़िर हंसी-मज़ाक़ है क्या
बार-बार गर्म कपड़े तह कर रखना
और फिर निकालना ...
जो भी हो,
यह लगभग तय होता जा रहा है
कि मौसम
अनुशासन-विहीन हो गया है आजकल
अब तो वह
भू-गतिकी के नियम भी नहीं मानता !
सच कहा जाए
तो अशुभ-संकेत हैं ये लक्षण
पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए
नितांत घातक !
सूर्य की सत्ता का निर्बल होना
हमारे पक्ष में नहीं है
मगर मौसम की अनुशासनहीनता का कारण
कौन है और
हमारे सिवा ???
( 2014 )
-सुरेश स्वप्निल
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