शुक्रवार, 12 जुलाई 2013

क्रांति के बाद !

दुर्भाग्य  यह  है  कि  जनता
सब  कुछ  याद  रखती  है
कई-कई  शताब्दियों
और  पीढ़ियों  के
गुज़र  जाने  के  बाद  भी

दुर्भाग्य  यह  भी  है
कि  जनता
अक्सर  विरोध  नहीं  करती
शासकों  का

मगर  सबसे  बड़ा  दुर्भाग्य
यह  है  कि
जनता  जब  उठ  खड़ी  होती  है
विद्रोह  के  लिए
तो  बड़े  से  बड़े  साम्राज्य  भी
मिल  जाते  हैं
धूल  में !

और  शासकों  को  यह  समझ  में
आता  तो  है,
मगर  क्रांति  के  बाद !

                                                     ( 2013 )


                                            -सुरेश  स्वप्निल


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