शनिवार, 30 मार्च 2013

दिल्ली का ऊंट !

कल  यदि  शुरू  ही  हो  जाए
तीसरा  विश्वयुद्ध
तो  क्या  आशा  करते  हैं  आप
कि  किस  करवट  बैठेगा
दिल्ली  का  ऊंट  !

क्या  करेंगे  हम  और  आप
यदि  सरकार  अमेरिका  की  क़तार  में  हो
और  सारा  देश
न्याय  की  ओर
क्या  बिक  जाने  देंगे  हम  निहत्थे
अपनी  संप्रभुता  को
वित्तीय  घाटे  की  आड़  में  ?

यह  कोरी  अफ़वाह  नहीं  है
और  न  कोई  आकाशीय  भविष्यवाणी
न  ही  कोई  व्यापारिक  हथकंडा
बेहद  भयानक  और  क्रूर  आशंका  है  यह
जो  किसी  भी  क्षण  सत्य  हो  सकती  है ...

अपने  स्वर  को  आकार  दो
मांज  कर  रखो  अपने  गले
तैयार  कर  लो  अपने  सारे  तर्क-वितर्क
इसके  पहले  कि  महंगे  डॉलर्स  की  आड़  में
फिर  ग़लत  करवट  ले  बैठे
दिल्ली  का  ऊंट
साबित  करना  होगा  कि  ज़िंदा  हैं  हम
हम,  आज़ाद  देश  के  आज़ाद  नागरिक
हम  हिंदुस्तानी

( 30 मार्च, 2013 )                                                                            - सुरेश  स्वप्निल 


* नवीनतम, नितांत मौलिक/अप्रकाशित/अप्रसारित रचना। प्रकाशनार्थ उपलब्ध।

1 टिप्पणी:

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

देश की हालात पर सटीक ...इस भयानक सच से आवगत करवाने के लिए आभार ...

पर इन सब का जिम्मेदार कौन है ....हम सब ही ना