सोमवार, 27 मई 2013

व्हाइट हाउस के प्रेत

व्हाइट  हाउस  में  घुस  आए  हैं  अचानक
सैकड़ों  प्रेत  !

विश्वास  नहीं  होता  न  ?
संसार  के  सबसे  अधिक  उन्नत  देश  के
सबसे  सुरक्षित  स्थान  पर
रहने  वाले
ओझाओं  को  निमंत्रण  देने  लगें
और  अपने  द्रोन-जैसे  सर्वनाशी  हथियार  भूल  जाएं
धरी  की  धरी  रह  जाए  एफ़ . बी .आई .
और  सी .आई .ए .
हाथ-पांव  फूल  जाएं  फ़ेडरल  सेनाओं  के
'शत्रु'  का  नाम  सुन  कर  ही  कांपने  लगें
बहादुरी  की  मिसाल  माने  जाने  वाले  सैनिक ...

कोई  विश्वास  करे  या  न  करे
क्या  फ़र्क़  पड़ता  है ?
हिरोशिमा  से  काबुल  तक
एक  करोड़  निर्दोष, असमय  मारे  गए
मनुष्यों  की  व्याकुल  आत्माएं
कभी  न  कभी  तो  पहुंचनी  ही  थीं  यहां  तक !

जो  यह  मानते  हैं
कि  पैसे  से  सब  कुछ  ख़रीदा   जा  सकता  है
वे  आगे  आएं
और  मुक्ति  दिलाएं  व्हाइट  हाउस  को
भूत-प्रेतों  से
चाहे  अरबों  डॉलर्स  क्यूं  न  ख़र्च  हो  जाएं !

आख़िर  संसार  के  सबसे  शक्तिशाली,
वैज्ञानिक  रूप  से  सर्वोन्नत
आर्थिक  और  सैनिक  महाशक्ति  माने  जाने  वाले  देश  के
प्रथम  नागरिक  की  सुरक्षा
और  सबसे  बढ़  कर
छवि  का  प्रश्न  है !

जो  लोग  भारत-जैसे  सुसंस्कृत  देश  का
ईमान  ख़रीद  सकते  हैं
वे  चार-छह  देशों  के  आवारा  भूत-प्रेत
नहीं  ख़रीद  सकते  भला  ?

ठहाका  लगा  कर  हंस  रहे  हैं
व्हाइट  हाउस  के  प्रेत
थर-थर  कांप  रहा  है
संसार  का  सबसे  शक्तिशाली  मनुष्य  !

                                                            ( 2013 )

                                                      -सुरेश  स्वप्निल